ध्यान क्या है?
ध्यान स्वयं के विकास की तकनीक है जिसका विश्व भर में हज़ारों सालों से अभ्यास किया गया है । आपके जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं है जिसको ध्यान के माध्यम से बेहतर नहीं बनाया जा सकता, चाहे वह व्यापार हो, रिश्ते, या स्वास्थ्य। लेकिन ध्यान का उच्तम उद्देश्य स्वयं की दिव्यता को पहचानना।
आनन्द संघ से ध्यान क्यों सीखें?
आनन्द संघ द्वारा सिखाईं ध्यान की तकनीकें श्वास पर केंद्रित हैं और उनके अभ्यास से हर धार्मिक आस्था के लोग लाभ उठा सकतें हैं। हमारी सबसे बुनियादी तकनीकों को सीखने के लिए कुछ ही मिनट लगेंगे, और सबसे उच्च श्रेणी के तकनीकों को सीखने के लिए करीबन एक साल की तैयारी लग जाएगी।
यह तकनीकें प्रतिष्ठित आध्यात्मिक किताब ‘एक योगी की आत्मकथा’ के लेखक, परमहंस योगानंद जी द्वारा सिखाई गयीं हैं। उनके द्वारा प्रचारित तकनीक क्रिया योग प्राचीन भारत से है। हमारे ध्यान के शिक्षक इन तकनीकों का प्रचार विश्वभर में 40 साल से अधिक से कर रहें हैं।
ध्यान के फाएदे:
शरीर के लिए:
* ऊर्जा का स्तर ज़्यादा हो जाता है
* रक्तचाप संतुलित होता है
* प्रतिरक्षा प्रणाली सशक्त होती है
* ह्रदय से संबंधित ख़तरे कम होतें है
* दीर्घकालिक बिमारियों से लड़ने में मदद मिलती है
मन के लिए:
* मन केंद्रित होता है
* सकारात्मक सोच बढ़ती है
* संकल्प शक्ति बढ़ती है
* स्मरण शक्ति बढ़ती है
* व्याकुलता कम होती है
आत्मा के लिए:
* आंतरिक शांति की गहरी स्तिथि में जा पाना
* अन्तर्ज्ञान बढ़ता है
* चेतना के उच्च स्तर को प्राप्त कर पाना
* दया जागरूक होती है
* सृष्टि में हर जगह मधुर सम्बन्ध लाना मुंकिन हो पता है
केवल पंद्रह मिनट में ध्यान करना सीखें
उच्च श्रेणी की तकनीक: क्रिया योग
क्रिया योग क्या है?
परमहंस योगानंद जी के अनुसार- योग के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए (ईश्वर के साथ एक होना), क्रिया योग आज के ज़माने में मनुष्य को उपलब्ध सबसे प्रभावशाली तकनीक है। क्रिया योग इतना प्रभावशाली इसलिए है क्योंकि वह विकास के स्रोत के साथ प्रत्यक्ष रूप से काम करता है- हमारी मेरुदंड के भीतर आध्यात्मिक शक्ति।
सभी योग कीं तकनीकें इसी शक्ति के साथ काम करतीं है, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से। योगासन, उदाहरण स्वरूप, मेरुदंड के अंदर मार्ग खोलने में मदद कर सकते हैं, एवं मेरुदंड के भीतर की शक्ति को संतुलित कर सकते हैं। योग श्वास-नियंत्रण तकनीक, मतलब प्राणायाम, इस शक्ति को जागरूक करने में मदद कर सकतें हैं।
परन्तु क्रिया योग इनसे अधिक प्रत्यक्ष है। यह तकनीक अभ्यास करने वाले की प्राण-शक्ति को नियंत्रित करने में मदद करती है, उस प्राण-शक्ति को मानसिक रूप से मेरुदंड में ऊपर और नीचे ले जाने के द्वारा, जब इस तकनीक को चेतना और इच्छाशक्ति के साथ किया जाए।
योगानंद जी के अनुसार, एक क्रिया, जिसको करने में आधे मिनट के करीब लगता है, एक साल के कुदरती आध्यात्मिक विकास के बराबर है।
क्रिया योग अपनी प्रभावशीलता में आभ्यासिक है। क्रिया योगी पातें है कि उनकी धारणा शक्ति बढ़ जाती है, ताकि वे व्यापार और गृहस्थ जीवन में प्रभावशाली बन सकें, और हर तरह से अच्छा इंसान बन सकें।